आँगन में पसारे गीले कपड़े हवा से डोलते, इधर-उधर काले सफेद बादलों से आँख मिचौली, खेल आँगन में पसारे गीले कपड़े हवा से डोलते, इधर-उधर काले सफेद बादलों से आँख...
सावन की रातें अक्सर ऐसी बूंदों से झनझनाती हैं। जैसे मधुर शहनाई बज रही हो। सावन की रातें अक्सर ऐसी बूंदों से झनझनाती हैं। जैसे मधुर शहनाई बज रही हो।
न जाने क्या जादू है इस बारिश में की उस पल में वो मुझ में और मैं उसमें ठहर से जाते हैं। न जाने क्या जादू है इस बारिश में की उस पल में वो मुझ में और मैं उसमें ...
उलझा रखकर मेरी पसंद के रंगों की, फुलवारियां बनाकर उन्हें प्रतिदिन सींचना! उलझा रखकर मेरी पसंद के रंगों की, फुलवारियां बनाकर उन्हें प्रतिदिन सींचना!
मौसम कुछ बेगाना सा लगता है पता नही क्यूँ कोई अपना सा लगता है ! मौसम कुछ बेगाना सा लगता है पता नही क्यूँ कोई अपना सा लगता है !
इन बूंदों सी है कुछ ख्वाहिशें मेरी.... इन बूंदों सी है कुछ ख्वाहिशें मेरी....